ये दुनिया रंगों से भरी हुई है ये सिर्फ कहने की बात नहीं है। जब आप दुनिया घूमना शुरू करेंगे तो आपका ये दिखाई भी देगा। ऐसे ही रंगों से भरा हुआ है हमारा छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ में कम लोग घूमने आते हैं लेकिन मेरा मानना है कि छत्तीसगढ़ भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है। छत्तीसगढ़ की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं यहाँ के प्रियतम जलप्रपात। इन वाटरफॉल्स को देखे बिना छत्तीसगढ़ की यात्रा अधूरी है। घुमक्कड़ होने के नाते छत्तीसगढ़ के इन झरनों को देखना तो बनता है।
चित्रकोट जलप्रपात :- जगदलपुर से 40 कि.मी. और रायपुर से 273 कि.मी. की दूरी पर स्थित यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा, सबसे चौड़ा और सबसे ज्यादा जल की मात्रा प्रवाहित करने वाला जलप्रपात है। यहां इंद्रावती नदी का जल प्रवाह लगभग 90 फुट ऊंचाई से नीचे गिरता है। सधन वृक्षों एवं विध्य पर्वत श्रंृखलाओं के मध्य स्थित इस जल प्रपात से गिरने वाली विशाल जलराशि पर्यटकों का मन मोह लेती हैं भारतीय नियाग्रा के नाम से प्रसिद्घ चित्रकोट वैसे तो प्रत्येक मौसम में दर्शनीय है, परंतु बरसात के मौसम में इसे देखना रोमांचकारी अनुभव होता है। बारिश में ऊंचाई से विशाल जलराशि की गर्जना रोमांच और सिहरन पैदा कर देता है। चित्रकोट जलप्रपात के आसपास घने वन विनमान है, जो कि उसकी प्राकृतिक सौंदर्यता को और बढ़ा देती है।
तीरथगढ़ जलप्रपात :- कांगेर घाटी के जादूगर के नाम से मशहूर तीरथगढ़ जलप्रपात जगदलपुर से 29 किमी. दूरी पर स्थित है । यह राज्य का सबसे ऊंचा जलप्रपात है यहां 300 फुट ऊपर से पानी नीचे गिरता है कांगेर और उसकी सहायक नदियां मनुगा और बहार मिलकर इस सुंदर जलप्रपात का निर्माम करती है । विशाल जलराशि के साथ इतनी ऊंचाई से भीषण गर्जना के साथ गिरती सफेद जलधारा यहां आए पर्यटकों को एक अनोखा अनुभव प्रदान करती है। तीरथगढ़ जलप्रपात को देखने का सबसे अच्छा समय बारिश के मौसम के साथ-साथ अक्टूबर से अपैल तक का है।
रानीदरहा जलप्रपात: दंतेवाड़ा जिले की कोंटा तहसील में स्थित है रानीदरहा जलप्रपात विकासखंड मुख्यालय छिंदगड़ से 30 कि.मी. दूरी पर शबरी पार गांव के समीप स्थित इस जलप्रपात का प्राकृतिक सौंदर्य दर्शनीय है। रानी दरहा के आसपास शबरी नदी का जल गहरा होने के कारण थमा-सा नजर ाता है, जो कि इस जलप्रपात की सुंदरता में और चार चांद लगा देता है।
चर्रे-मर्रे जलप्रपात : नारायणपुर के अंतागढ़-आमाबेड़ा वनमार्ग पर पिंजारिन घाटी में यह जलप्रपात स्थित है । उत्तर पश्चिम दिशा में जलप्रपात का गिरता हुआ पानी अलग-अलग कुंडों के रूप में एकत्रित होकर दक्षिण दिशा में लंबा फासला तय कर कोटरी नदी में मिलता है ।
इन्द्रावती नदी
इन्द्रावती नदी पर स्थित यह प्रपात सात धाराओं के रूप में नीचे गिरता है। यह जगदलपुर से 68 किलोमीटर दूर बारसूर नगरी से सात किलोमीटर के अन्तराल में अवस्थित है। यह भेड़ाघाट की तरह दर्शनीय है।सात धारा - बोधधारा कपिलधारा ,पांडवधारा ,कृष्णधारा ,शिवधारा ,बाणधारा ,शिव चित्रधारा
नीलम सरई जलप्रपात: बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में यह जलप्रपात है. यह घने जंगलों के बीच संवेदनशील इलाके में है. बीजापुर जिला मुख्यालय से करीब 40-50 किलोमीटर दूर है. इस जलप्रपात की ऊंचाई करीब 300 फीट है.
मंडवा जलप्रपात: यह जलप्रपात बस्तर जिले से 40 किलोमीटर दूर है. पहले पर्यटकों को जिला मुख्यालय जगदलपुर से 30 किलोमीटर दूर डिलमिली पहुंचना होगा. इसके बाद अल्वा ढोढरपाल होते हुए आप मंडवा जलप्रपात तक पहुंच सकते हैं. यह बस्तर का मशहूर पिकनिक स्पॉट है. यहां पिकनिक मनाने के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं. यह जलप्रपात करीब 50 फीट ऊंचाई से गिरता है.
बीजाकसा जलप्रपात:लॉकडाउन के समय पर्यटकों ने इस जलप्रपात की खोज की है. यह जगदलपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर है. पहले आपको जगदलपुर से उसरीबेड़ा पहुंचना होगा. यहां से इंद्रावती नदी पार कर नारायणपाल से रतेंगा पहुंचना होगा.रतेंगा से कुछ ही दूरी पर यह जलप्रपात है. इसकी ऊंचाई 70-80 फीट है.
टाइगर प्वाइंट जलप्रपात
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के मैनपाट में स्थित टाइगर प्वाइंट झरना (TIGER POINT WATERFALL)एक और खूबसूरत पर्यटन स्थल है। मैनपाट को “छत्तीसगढ़ का शिमला” कहा जाता है। यह कई तिब्बती धार्मिक निर्वासितों का भी घर है जो बुद्ध को समर्पित एक मंदिर में पूजा करते हैं।
मैनपाट
मैनपाट कई सांस्कृतिक और प्राकृतिक स्थलों के साथ जंगल के पठार के ऊपर बसा एक आकर्षक सुरम्य स्थान है। मैनपाट की घाटियों और पहाड़ियों में खूबसूरत जलप्रपात भी हैं, जैसे टाइगर प्वाइंट जलप्रपात जहां बाघ घूमते रहते हैं इसी जगह पर यह जलप्रपात भी है इसीलिए इस जलप्रपात को टाइगर प्वाइंट जलप्रपात के नाम से जाना जाता है। यहाँ कई छोटे-छोटे झराने शामिल है,जो सुंदर प्राकृतिक दृश्यों के साथ जंगल को और भी आकर्षक बनाते हैं।
केंदई जलप्रपात
यह प्रकृति के बीच बसा हुआ 75 फीट ऊंचाई वाला एक प्यारा झरना कोरबा जिला मुख्यालय से 90 कि.मी. और बिलासपुर से लगभग 134 कि.मी. की दूरी पर केंदई ग्राम में स्थित हैं, यह कोरबा जिले का एक बहुत ही प्रसिद्ध पिकनिक स्पाट हैं। कोरबा जिले का खुबसुरत जलप्रपात केंदई यह कोरबा जिले का दुसरा सबसे लंबा जलप्रपात हैं, यह खुबसुरत झरना कोरबा जिले के केंदई ग्राम में स्थित हैं। यहां हर साल लाखों की संख्या में लोग छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जगहों से पिकनिक के लिए आते हैं, और प्रकृति के बीच इस जलप्रपात के करीब अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय व्यतीत करते हैं।
देवधारा जलप्रपात
छत्तीसगढ़ में झरने अकुरी नाला और देवधारा जलप्रपात(DEVDHARA WATERFALL) हैं, चिरिमिरी छत्तीसगढ़ की जन्नत है। अमृत धारा जलप्रपात, कोरिया, एक प्राकृतिक जलप्रपात है जो हसदेव नदी से निकलता है। जिस स्थान पर पानी गिरता है, वहां चारों ओर बादल का वातावरण बन जाता है।
छत्तीसगढ़ के ग्राम कुल्हाड़ीघाट और हीरा खदान पैलीखंड के बीचों-बीच प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर देवधारा जलप्रपात हैं। ये जलप्रपात उदंती अभ्यारण क्षेत्र में आता है, यह अभ्यारण वनभैंसों के लिए विख्यात है। देवभोग जो रायपुर शहर के मुख्यमार्ग से डुमरपडाव गांव के पास जांगडा पायलीखंड होते हुए देवधारा पहुंचा जा सकता है। दूसरा रास्ता मैनपुर, कुल्हाड़ीघाट, बेसराझर होते हुए भी पहुंचते है। वन विभाग ने यहां पहुंचने के लिए कच्ची सड़क भी बनवाई है।