ये है दुनिया के 7 अजूबा / Unique किसने बनाया और क्यों इनकी विशेषता क्या है

 दुनिया में ऐसी बहुत सी जगह हैं घूमने को, जिनके बारे में लोगों को अभी तक पता ही नहीं होगा। दुनिया के 7 नए अजूबों की लिस्ट में भारत का ताजमहल भी शामिल है, जिसने इस लिस्ट में आकर भारत का मान बढ़ाया। इस नई लिस्ट में आने से लोगों को बाकि और अजूबों का पता चला। इन जगहों पर टूरिस्ट टूट पड़े। दुनिया में ऐसी कई हज़ार और ईमारत या स्मारक हैं जो आगे चल कर क्या पता 7 अजूबों में नए संस्करण में शामिल हो जाएं।


दुनिया के 7 नए अजूबे

ताजमहल (भारत)

चिचेन इत्ज़ा (मेक्सिको)

क्राइस्ट दी रिडीमर (रियो डी जनेरिओ)

चीन की दीवार (चीन)

पेट्रा (जॉर्डन)

रोम का कोलोसियम (रोम)

माचू पिच्चू (पेरू)

मिस्र था नाख


पुराने व नए अजूबे

इस पूरी दुनिया में 7 नए अजूबें हैं जो 2007 में चुने गए थे। नए अजूबों से पहले दुनिया के सात अजूबे सबसे पहले लगभग 2,200 साल पहले आए थे। प्राचीन विश्व में सबसे पहले 7 अजूबों का विचार हेरोडोटस और कल्लिमचुस नाम के ग्रीक लेखकों को आया था 


1.ताजमहल, भारत - ताजमहल भारत का इकलौती ऐसी धरोहर है, जो सात अजूबों में शामिल है. उत्तर प्रदेश के आगरा में यमुना नदी के किनारे यह स्थित है. मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में इसका निर्माण करवाया था. यह सफेद संगमरमर के पत्थर से बनाया गया है. ताजमहल प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इसका निर्माण 20,000 कारीगरों ने किया था. 

इसकी उचाई 219 फीट है।



* 15 साल का समय लगा था, और इसे बनाने के बाद राजा ने निर्माण से जुड़े सभी मजदूरों के हाथ कटवा दिए थे, ताकि वे ऐसा कुछ दूसरा न बना सके।

* भारत में मुगलों लम्बे समय तक शासन किया था, इस दौरान उन्होंने बहुत सी शिल्पकारी, कलाकृति बनवाई थी, जो आज तक भारत में मौजूद है।

* ताजमहल की सुन्दरता को देखने के लिए, देश दुनिया से लोग दूर दूर से आते है।



2.ग्रेट वॉल ऑफ चाइना - चीन की दीवार सात अजूबों में से एक है. चीन के पहले शासक किन शी हुआंग ने इस दीवार का निर्माण कराया था. करीब 20 साल में 21,196 किलोमीटर की लंबी और विशाल दीवार का निर्माण पूरा हुआ था. इस दीवार के निर्माण के पीछे अपने साम्राज्य की रक्षा करना था. ग्रेट वॉल ऑफ चाइना पृथ्वी पर सबसे लंबा कब्रिस्तान भी माना जाता है. बताया  जाता है कि इसके निर्माण में 10 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे.


3.क्राइस्ट द रिडीमर, ब्राजील - ब्राजील का 125 फीट लंबी क्राइस्ट द रिडीमर दुनिया के सात अजूबों में से एक है. हेटर दा सिल्वा कोस्टा की डिजाइन पर इसका निर्माण ब्राजील में नहीं बल्कि फ्रांस में किया गया था. यह मूर्ति एक पहाड़ की चोटी पर है. साल में तीन से चार बार बिजली इस मूर्ति से टकराती है.




* इस मूर्ती का निर्माण 1922 में शुरू हुआ था, जो 12  अक्टूबर 1931 को इस जगह पर स्थापित किया गया था


* यह मूर्ती क्रांकीट और पत्थर की बनी है, जिसे ब्राजील से  सिल्वा कोस्टा ने डिजाईन किया था, एवं फ्रेंच के महान मूर्तिकार लेनदोव्सकी से इसे बना के तैयार किया था


* इसका वजन 635 टन के लगभग है।


* यह रियो शहर के 700 मीटर ऊँची कोरकोवाडो की प हाड़ी पर स्थित है।


* दुनिया भर में ईसाई धर्म का यह बहुत बड़ा प्रतीक है।


4.चिचेन इट्जा, मैक्सिको - मैक्सिको का चिचेन इट्जा भी सात अजूबों में शामिल है. यह माया सभ्यता से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहर है. इसे मैक्सिको का सबसे संरक्षित पुरातात्विक स्थल माना जाता है. इसका इतिहास 1200 साल से भी ज्यादा पुराना है. इतिहास  के मुताबिक, 9वीं से 12वीं शताब्दी के मध्य पूर्व-कोलंबियाई माया सभ्यता के लोगों ने इसका निर्माण करवाया था. यहां कई पिरामिड, मंदिर, खेल के मैदान और कॉलम हैं. इसकी खासियत यह है कि यहां अजीबो-गरीब आवाजें सुनाई देती हैं.




*  चिचेन इत्ज़ा का माया मंदिर 5 किलोमीटर में फैला हुआ है, इसकी उचाई 79 फीट है।

* जो पत्थरों से पिरामिड की आकृति का बना है। इस मंदिर में उपर जाने के लिए चारों दिशाओं से सीढियां बनी है, टोटल 365 सीढियां है. हर दिशा से 91 सीढियां है।

* ऐसा कहा जाता है कि हर एक सीढ़ी एक दिन का प्रतिक है। उपर 365 दिन के लिए एक बड़ा चबूतरा बना हुआ है।



5.कालीजीयम, इटली -इटली में स्थित कालीजीयम का निर्माण सम्राट टाइटस वेस्पेशियन ने करवाया था. कहा जाता है कि 70 ईसवी और 82 ईसवी के मध्य इसका निर्माण हुआ था. इसे बनाने में करीब 9 साल का वक्त लगा. रोम का यह कालीज़ीयम दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित और प्राचीन एम्फीथिएटर है. कहा जाता है कि इसके अंदर करीब चार लाख लोग मारे गए थे. 



* प्राकतिक आपदा और भूकंप से इसे थोडा बहुत नुक्सना हुआ, लेकिन आज भी इसकी विशालता वैसे ही है। 


* यहाँ 50 हजार से 80 हजार लोग बैठ सकते है।

यहाँ जानवरों की लड़ाई, खेल कूद, संस्कृतिक कार्यक्रम होते है।

* यह 24 हजार वर्गमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।


* इस जैसी आकृति को बनाने की कोशिश कई इंजिनियरों द्वारा की गई, लेकिन यह एक तरह की पहेली है, जिसे आज तक कोई सुलझा पाया है।



6.माचू पिच्चू, पेरू - दक्षिण अमेरिकी के पेरू में स्थित माचू पिच्चू को 'इंकाओं का खोया हुआ शहर' कहा जाता है. यह पेरू का एक ऐतिहासिक देवालय भी है. साल 1983 में यूनेस्को ने माचू पिच्चू को विश्व धरोहर स्थल में शामिल किया था. यह दुनिया के सात अजूबों में से एक है.



7.पेट्रा, जॉर्डन - पेट्रा जॉर्डन का एक ऐतिहासिक नगर है, जिसका निर्माण गुलाबी रंग के बलुआ पत्थरों से कराया गया है. इसी रंग के कारण पेट्रा रोज सिटी के नाम से भी जाना जाता है. पेट्रा में कई मंदिर और मकबरें हैं. यह भी दुनिया का एक अजूबा है.



* इसका निर्माण 312 BC के लगभग हुआ था।

* यह जॉर्डन का मुख्य आकर्षण है, जहाँ हर साल बहुत से पर्यटक जाते है। यहाँ ऊँचे-ऊँचे मंदिर है, जो आकर्षण का केंद्र है।

* इसके अलावा तालाब, नहरें भी है, जो बहुत सुन्योजित तरीके से बनाई गई है।

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