Best top 15 waterfall in India भारत के सर्वश्रेष्ठ 15 झरने

 भारत में प्राकृतिक सुंदरता का भंडार भरा हुआ है और इसी को देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी यहां आते रहते हैं. ऐसे ही खूबसूरत नजारे भारत के हर राज्य में स्थि‍त हैं. कलकल करते झरनों को देखना ऐसा ही मनोहारी दृश्य होता है. आइए हमारे साथ देखि‍ए ऐसे ही 15 झरनों का नजारा..

भारत एक विविधताओं का देश है। यह प्रकृति संपन्न देश भी है। भारत को कुछ शानदार प्राकृतिक संपदाएँ प्राप्त हैं। एक पर्यटक को जो भी चाहिए वो सबकुछ भारत में उपलब्ध है। भारत की प्रत्येक दिशा एवं प्रत्येक राज्य में प्रकृति के अनमोल उपहार छिपे हैं। उत्तर में बर्फ से ढके पहाड़ हैं तो दक्षिण में चमकते समुद्री तट, पूर्व में हरियाली है तो पश्चिम में सुनहरे रेगिस्तान है। एक तरफ कल-कल करती बहती नदियां है तो दूसरी तरफ गरजते झरने हैं जिन्हें देख कोई भी यहां के रंग में रंग जाएगा। भारत के हर नुक्कड़ पर कुछ अद्भुत प्राकृतिक प्रस्तुति निहित है, जो आपको निहारने और सबसे सुदंर दृश्यों के अनुभव को देने के लिए स्थित हैं। शक्तिशाली हिमालय से लेकर विशाल महासागरों तक, रेगिस्तान-टीलों से लेकर उग्र नदियों तक, इस देश में प्राकृतिक अजूबों में कोई कमी नहीं है।


1. दूध सागर, गोवा

दूधसागर भारत का एकमात्र झरना है, जो दो राज्यों की सीमा पर स्थित है. गोवा-कर्नाटक बॉर्डर से मंडोवी नदी गुजरती है, जिस पर दूधसागर झरना स्थित है. पणजी से इसकी दूरी लगभग 60 किमी है. यहां मानसून के दौरान पर्यटकों का हुजूम उमड़ता है. दूधसागर झरने को 'मिल्क ऑफ सी' भी कहा जाता है.



2. अथिराप्पिल्ली वाॅटरफाल, केरल

केरल पहले से ही भगवान की धरती कहे जाने वाला केरल अपने मॉनसून, समुद्री किनारा, प्रकृति और वाटरफॉल्स के लिए भी मशहूर है. यहां कई खूबसूरत और शानदार वाॅटरफाल हैं, जो किसी का भी मन मोह सकते हैं. उनमें से अथिराप्पिल्ली सबसे खूबसूरत वाटरफॉल है. यहां पर 80 फीट ऊंचाई से पानी गिरता है.


3. चित्रकूट वाॅटरफाल, छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में स्थित चित्रकूट वाटरफॉल देश का सबसे बड़ा और मनमोह लेने वाले जल प्रताप में से एक है. यह वाॅटरफाल छत्तीसगढ़ में नियाग्रा नदी इंद्रावती में जगदलपुर के पास गिरता है. यह खूबसूरत वाॅटरफाल 29 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जबकि इसकी चौड़ाई मौसम के अनुरूप बदलती रहती है


4. जोग वाॅटरफाल, कर्नाटक

जोग प्रताप महाराष्ट्र और कर्नाटक की सीमा पर शरावती नदी पर स्थित है. इसका जल 250 मीटर की उंचाई से गिरकर बड़ा सुंदर दृश्य उपस्थित करता है. इसका एक अन्य नाम जेरसप्पा भी है. इस वाॅटरफाल (जल प्रपात) की उंचाई 830 फीट है जो भारत का दूसरा सबसे ऊंचा वाॅटरफाल है. इस फाल को यूनेस्को की ओर से दुनिया के सबसे अच्छे पर्यावरणीय स्थलों में से एक घोषित किया गया है.



5.तालकोना वाॅटरफाल, आंध्र प्रदेश

यह वाॅटरफाल आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में श्रीवेंकटेश्वर नेशनल पार्क में स्थित है. यह वाटरफॉल तिरुमाला पर्वतश्रेणियों के शुरुआत में है. इसकी ऊंचाई 270 फीट है. तालकोना का पानी चंदन की लड़की और जड़ी-बूटियों से घिरे होने की वजह से चिकित्सा में काम आता है.


6. शिवसमुंदराम जलप्रपात, कर्नाटक

कर्नाटक, भारत में सबसे स्वाभाविक रूप से प्रकृति संपन्न राज्यों में से एक है। कर्नाटक का शानदार शिवसमुंदम जलप्रपात कावेरी नदी के विभाजन वाले भाग पर स्थित है, जो शक्तिशाली पश्चिमी घाट से नीचे बहती है। हरे-भरे पहाड़ के माध्यम से उगते हुए शिवसमुंद्रन के कई टीयर दर्शकों के लिए एक सनसनीखेज अनुभव कराते हैं।



बैंगलोर से 130 किमी और मैसूर से 81 किमी की दूरी पर, शिवनासमुद्र फॉल्स कर्नाटक राज्य के मंड्या जिले में स्थित यह प्रसिद्ध झरना है। इन झरने को शिव समुद्र के रूप में भी जाना जाता है, जिसका शाब्दिक अर्थ शिव का सागर है। शिवनासमुद्र एक खंडित झरना है जिसमें कई समानांतर धाराएं होती हैं जो एक-दूसरे के समीप बनती हैं। शिवनासमुद्र द्वीप कावेरी नदी को दो हिस्सों में विभाजित करता है जो दो झरनों का निर्माण करता है, एक गगनचुककी है और दूसरा भरूचुकी है। गगनचुक्की और बाराचुक्की फॉल्स सामूहिक रूप से शिवनासमुद्र फॉल्स के रूप में बुलाए जाते हैं, हालांकि गगनचुक्की को सबसे अधिक शिवनासमुद्र फॉल्स के रूप में दर्शाया जाता है। यह जगह चोटी मानसून में लुभावनी दृष्टि प्रदान करती है।

7.वजराई जलप्रपात, महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में सबसे अद्भुत झरना, वजराई झरना भारत के सबसे ऊंचे उच्चतम झरनों की सूची में सबसे नया समावेश है। यह भव्य पतन सह्याद्री पहाड़ी और सतारा में कास पठार की खूबसूरत घाटी के पास स्थित है। मानसून के दौरान जब राज्य में भारी बारिश होती है तो वज्राई आँखों के लिए एक खुशी बन जाता है। यह बड़े पैमाने पर 1840 फीट से गिरता है।


इस जलप्रपात की ऊंचाई 853 फीट की है, और यह राज्य के चुनिंदा अधिक ऊंचाई वाले वाटरफॉल्स में गिना जाता है। वजराई जलप्रपात सतारा से लगभग 27 कि.मी दूर सह्याद्रि पहाड़ियों के नजदीक स्थित है। चारों तरफ से प्राकृतिक शौंदर्यता से धिरा यह झरना, प्रकृति प्रेमियों से लेकर एडवेंचर के शौकीनों के मध्य भी काफी ज्यादा लोकप्रिय है, यहां ट्रेकिंग जैसी रोमांचक गतिविधि का आनंद लिया जा सकता है।

8. दशम जलप्रपात, झारखंड

कई अन्य राज्यों की तरह, झारखंड में भी कई खूबसूरत झरने हैं। दशम राज्य में कई अन्य फॉल्स के बीच तुलनात्मक रूप से छोटा है, लेकिन इसके दृश्य बहुत आकर्षक है। यह 44 मीटर की ऊंचाई से गिरता है।  दस विभिन्न धाराओं के मिलने से इस जलप्रपात का निर्माण होता है, इसीलिए इसे 'दसम जलप्रपात' नाम दिया गया है। यह झरना कई प्रकार के खूबसूरत प्राकृतिक नजारों से घिरा हुआ है।



राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 33 या एनएच-33 पर रांची से तीस किलोमीटर दक्षिण ओर जमशेदपुर से सौ किलोमीटर उत्तर की और एक गाँव है -तैमारा। फिर तैमारा से दस किलोमीटर पश्चिम की ओर स्थित है- दशम जलप्रपात। यहाँ से मात्र 25 किलोमीटर दूर बुंडू सबसे नजदीकी अनुमंडल है। यहाँ आने वाले पर्यटकों को सख्त हिदायत दी जाती है कि वह जलप्रपात की धारा में नहाएं नहीं, या नहाते वक्त ख़ास सावधानी बरतें। फ़रवरी से अप्रैल माह के बीच का समय दसम जलप्रपात घूमने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।


9. चचाई जलप्रपात, मध्य प्रदेश

चचाई मध्य प्रदेश राज्य के रीवा जिले में स्थित एक लुभावना झरना है। यह भारत का 23 वां सबसे ऊंचा झरना है जिसकी ऊंचाई 130 मीटर है। चचाई फॉल बिहाद नदी का एक हिस्सा है। चचाई एक आदर्श बिंदु है जिसे नॉक पॉइंट कहा जाता है। ये परिवर्तन पानी के ऊर्ध्वाधर वंश का कारण बनते हैं जो पानी के विशाल झरने बनाते हैं। यह अनूठी विशेषता चाचाई को एक असाधारण आनंददायक अनुभव बनाती है। अन्य सभी फॉल्स की तरह, चचाई की यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त समय मानसून के दौरान या बाद का है।


चाचाय झरने का स्रोत बिहाड़ नदी है जो तमसा नदी की सहायक नदी है। यह नदी रीवा पठार से नीचे की ओर आती है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह झरना नीचे की ओर गिरते हुए आसपास के वातावरण को नया कर देता है। इसका सबसे उम्दा उदाहरण वह बिंदु है जहाँ ऐसा प्रतीत होता है। नदी के खड़े भाग में ढलानों में रुकावटें आती हैं। इसलिए पानी सीधे नीचे की ओर गिरते हुए यह सुंदर झरना बनाता है और चैनल ग्रेडिएंट में एक रुकावट बनाता है। यह झरना रीवा के मुख्य शहर से 40 कि.मी. दूर है। प्रसिद्ध चित्रकूट पहाड़ी के किनारे स्थित होने के कारण यह झरना बहुत प्रसिद्ध है। चित्रकूट पहाडि़यों काअत्यधिक पौराणिक महत्व देते है आज चलते हैं हम प्रकृति के अद्भुद नज़ारों की सैर मतलब कश्मीर से कन्याकुमारी तक स्थित देश के पांच सबसे ऊँचे झरनो की ओर 

10. कुंचिकल झरना 

कुंचिकल झरने को भारत का सबसे ऊँचा झरना माना जाता है।यह झरना कर्नाटक के निडागोडू गाँव में मौजूद है कि शिमोगा जिले में स्थित हैं।इस झरने से वाराही नदी निकलती हैं जो कि कर्नाटक की जल विद्युत परियोजना में सहायक रोल निभाती हैं।इसकी खूबसूरती की वजह से सालभर यहाँ सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता हैं।यह प्रतिबंधित क्षेत्र होने से यहाँ जाने के लिए पास की जरूरत होती हैं जो कि यहाँ से करीब 15 किमी दूर स्थित होसांदी गाँव से मिलता हैं। इसकी ऊंचाई 455 मीटर मापी गयी हैं ,देश के सबसे ऊँचे झरने के साथ साथ यह विश्व के सबसे ऊँचे झरनो में 116वे नंबर पर आता हैं।एशिया में इसका दूसरा स्थान हैं।



11. बरेहीपानी झरना 

ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित, 399 मीटर की उचाई से नीचे गिरने वाला यह झरना भारत का दूसरा सबसे उंचा झरना है।यह झरना सिमलिपाल राष्ट्रीय उघान के घने हरे भरे वन्य क्षेत्र में पड़ता हैं इसीलिए इसकी खूबसूरती और आसपास का शांत वातावरण सैलानियों को प्रकृति से जोड़ देता हैं। यह झरना असल में दो हिस्सों में बँटकर गिरता हैं।यह बुधबलंग नदी के प्रवाह मार्ग पर बहता है जो मेघासुनी पर्वत के उपर से होकर बहती है।


12. नोहकालीकाई झरना

मेघालय के चेरापूंजी के पास नोकालीकाई झरना झरने को भारत का सबसे तीसरा सबसे बड़ा झरना हैं। इसे सबसे दुखद झरना भी कहा जाता हैं क्योकि बारिश के पानी से बनने वाले इस झरने का नामकरण एक महिला 'का लीकाई' की दुखद कहानी पर आधारित है।चेरापूंजी से करीब सात किमी दूर स्थित इस झरने तक का यह सात किलोमीटर तक का रास्ता अपने आप में हटकर हैं। 340 मीटर की ऊंचाई लिए इस झरने का पानी एक विशाल पानी के स्त्रोत (पूल ) में गिरता हैं जो कि दूर से गहरे हरा रंग लिए नजर आता हैं।इसके दूर दूर तक घने जंगल एवं पहाड़ ही नजर आते हैं। इसको देखने के लिए एक व्यू पॉइंट बनाया गया हैं जहाँ से इसका भव्य रूप देखा जा सकता हैं।



13. नोहशंगथियांग फॉल्स 

इस झरने को मुख्य रूप से Seven Sisters Waterfalls या Mawsmai Falls के नाम से जाना जाता है।मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स जिले के मौसमी गांव से 1 किमी दक्षिण में स्थित एवं 315 मीटर की ऊंचाई लिए ,यह भारत का चौथा सबसे ऊंचा झरना है।नोहशंगथियांग फॉल्स या सेवन सिस्टर फॉल्स से निकलने वाली पानी की सात धाराएं ,उत्तर पूर्वी भारत के सात बहन राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम और मेघालय का प्रतीक हैं।मानसून में इस झरने के आसपास काफी पर्यटक इसे दूर दूर से देखने आते हैं।शिलॉन्ग से इसकी दूरी करीब 100 किमी है, जबकि गुवाहाटी से यह 190 किमी की दूरी पर स्थित है



14.भारत के प्रमुख जलप्रपात धुआंधार झरना 

धुआंधार झरना मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर से 20 किमी दूर स्थित है। आपको बता दें कि यह झरना नर्मदा नदी के पानी से बनता है। नर्मदा नदी संगमरमर की चट्टानों से होती बहती हुई 100 फुट नीचे की ओर झरने के रूप में गिरती है। यहां पर पानी इतनी तेजी के साथ गिरता है कि चारों तरफ सिर्फ धुआं उठता नजर आता है। इस झरने में पानी की फुहार घनी होकर धुएं का रूप ले लेती हैं। इसी वजह से इस जगह को धुआंधार फॉल्स कहा जाता है।


15.भारत के सुन्दर झरने सतधारा झरना

सतधारा फाल्स हिमाचल प्रदेश राज्य में चंबा घाटी में स्थित है, जो बर्फ से ढके पहाड़ों और ताज़े देवदार के पेड़ों के शानदार दृश्यों के साथ भारी संख्या में पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। 


सतधारा फाल्स प्रकृति के बेहद खूबसूरत प्रस्तुत करता है। बता दें कि इस झरने का नाम सतधारा झरना इसलिए रखा गया है क्योंकि इसका पानी सात खूबसूरत झरनों से एक साथ मिलता है। यह झरना समुद्र तल से 2036 मीटर की उंचाई पर स्थित है। यह जगह पर्यटकों को बेहद आकर्षक दृश्य प्रस्तुत करता है और उन लोगों के लिए एक दम सही है जो भीड़-भाड़ वाली जिंदगी से दूर जाकर शांति भरा समय बिताना चाहते हैं। सतधारा फाल्स की सबसे खास बात यह है कि ये औषधीय गुणों अपने की भी काफी प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है कि इस झरने के पानी से नहाने से त्वचा के रोग ठीक हो जाते हैं।

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