यह है कोरबा के ऐतिहासिक स्थल This is the historical place of Korba

कोरबा संस्कार से ही परिवार समृद्ध होता है। अच्छे संस्कार के लिए बच्चों को राम और कृष्ण की कथाएं। हमारे देश में भगवान की अनेक लीलाएं हैं और हम विदेशी नायकों के पीछे भाग रहे हैं। राम हमे सिखाते हैं कि हम मर्यादा में कैसे रहें और कृष्ण सिखाते हैं कि मर्यादा में कैसे रखना है कोरबा एक सुन्दर दृश्य प्रस्तुत करता है अपने हरियाली,पर्वत, पहाड़,जलप्रपात, झरने, मंदिर, से मिल कर बना हुआ है इस जगह में आप अपने परिवार वालों या रिश्ते दरों के साथ इस जगह की यात्रा कर सकते है यहां का शांत वातावरण आपको अवश्य पसंद आयेगा


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यह बात राम कथा वाचिका जया किशोरी ने कैबिनेट मंत्री जयसिंह अग्रवाल द्वारा निर्मित राम दरबार परिसर में आयोजित राम कथा आयोजन के दौरान कही। उन्होने कहा कि राम नाम मंत्र की शक्ति अपार है। कथा की शुरूआत ही उन्होंने भजन के माध्यम से की। उन्होंने पूछा कि आखिर हनुमान राम- राम नाम क्यों जपते हैं। शबरी, केंवट आदि का उदाहरण देकर उन्होंने राम की महिमा का व्याख्यान किया। उन्होंने राम और कृष्ण की चरित्र का विश्लेषण करते हुए कहा कि भगवान राम चित्र में अक्सर सीधे खड़े देखे जा सकते हैं। वहीं कृष्ण एक पैर को दूसरे में अटा कर खड़े दिखते हैं। इससे ही उनके स्वाभाव का हमें पता चलता है। किशोरी ने बताया कि मनुष्य को एक दूसरे प्रेम आपस में स्वभाव जानने के बाद ही होता है। उन्होने श्री राम के नाम की महिमा बताते हुए कहा कि जहां कहीं भी राम नाम का गुणगान होते है। वहां हनुमान जी का वास होता है। जब भगवान अपने परमधाम जाने लगे तब हनुमान को साथ चलने के लिए कहा। तब हनुमान ने साथ जाने के लिए मना करते हुए कहा कि पृथ्वी लोक में राम की कथा है। उन्होने कथा व्याख्यान के दौरान कहा कि आपके शहर में मंत्री जयसिंह राम दरबार मंदिर बनवाया है। यह सौभाग्य की बात कि कोरबा में मंदिर तब बना है जब अयोध्या में मंदिर का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। वह जब जो चाहते हैं वहीं होता है। किशोरी में अपनी वाणी विलास से भक्ताें को देर शाम तक बांधे रखा। भक्तजन भक्ति गीतों में सराबोर होकर खूब झूमे।


भीड़ को नियंत्रित करने प्रशासन को करनी पड़ी मशक्कत

राम कथा वाचिका जया किशोरी को सुनने के शहर के अलाव उपनगरीय व ग्रामीण क्षेत्र से भी खासी संख्या में भक्त जन पहंचे। शाम चार बजे से उमड़ी लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने में प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ी। सुबह से दोपहर के बीच पहुंचे श्रद्धालुओं की तुलना में शाम के समय अधिक संख्या में भक्त पहुंचे। मंदिर पहुंच मार्ग के दोनों छोर को आम लोगों का तांता कथा शुरू होने से पहले लगी रही। सुरक्षा की दृष्टि से कथा स्थल के आसपास जवानों तैनाती की गई थी।


बिजली उत्पादन के कारण छत्तीसगढ़ के कोरबा को ऊर्जा नगरी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में सबसे पहला एनटीपीसी का पावर प्लांट कोरबा में लगा था। राज्य का सरकारी विद्युत संयंत्र भी कोरबा में है।





एशिया के सबसे बड़ी खुली कोयला खदान गेवरा माइंस भी यहीं है, जो साउथ ईस्टर्न कोल फिल्ड्स (एसईसीएल) द्वारा संचालित है। भारत का सबसे बड़ा एल्युमिनियम संयंत्र भारत एल्युमिनियम कंपनी (बालको) भी यहीं स्थित है। इतनी महत्वपूर्ण कंपनियों का केंद्र होने के कारण कोरबा का अच्छा विकास भी हुआ है और देश के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों को यहां रोजगार भी मिला है। विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों ने यहां की संस्कृति को बहुत समृद्ध भी बनाया है। यह जिला वनोपज से सम्पन्न है। आदिवासी बहुल कोरबा जिले में संरक्षित आदिवासी जनजाति कोरवा (पहाडी कोरवा) प्रमुख रूप से निवास करती है

कोरबा में स्थित पर्यटन स्थल के नाम


1.लाफ़ागढ़ छत्तीसगढ़ का चित्तौड़

• यह दुर्गम पहाड़ की चोटी पर स्थित है

• लाफ़ागढ़ का किलाबंदी कार्य पृथ्वी देव प्रथम के द्वारा किया गया था

• इसमें प्रवेश हेतु तीन द्वारा है 1. द्वार दूसर 2.हुंकार द्वार3 सिंह द्वार

• माइकल सैनी के अंतर्गत के पहाड़ियों में आता है

• रतनदेव प्रथम द्वारा निर्मित महिषासुर मर्दिनी मंदिर स्थित है

•  माइकल सैनी के अंतर्गत के पहाड़ियों में आता है


2. चैतुरगढ

• इसकी छोटी पर एक किला स्थित है जिसे चैतुरगढ़ का किला कहा जाता है

•  इसके लिए का निर्माण राजा बाहरेंद्र शाह द्वारा 12 वीं शताब्दी में करवाया गया था

•  इसकी प्राकृतिक सुंदरता करने से छत्तीसगढ़ का कश्मीर भी कहा जाता है


3. कोसगाईगढ़

• यहां हसदेव नदी के समीप फुटका पहाड़ी पर स्थित है

• यह छत्तीसगढ़ में एक गढ़ हैं

• यह कोसगई देवी का मंदिर स्थित है

• रतनपुर कल्चुरी के बाहरेन्द्र अपना राजधानी बनाएं


4. लेमरू

• हाथी वन्य जीव अभ्यारण बनाए जाने हेतु प्रस्तावित है

• जिसमें कोरिया और सरगुजा जिले के भी कुछ क्षेत्र शामिल किए जाएंगे

• घोषणा 15 अगस्त 2019

• क्षेत्रफल 1995 वर्ग किलोमीटर

• शामिल क्षेत्र कोरबा कारखाना सरगुजा धरमजगढ़ के वन मंडल क्षेत्र


5. तुमान

• स्थापना 1000 ई

• द्वारा छत्तीसगढ़ में कल्बूरियो प्रारंभिक राजधानी द्वारा स्थापित

• रत्नदेव प्रथम - बकेश्वर शिव मंदिर

• पृथ्वी देव - पृथ्वी देवश्वर मंदिर


अन्य पर्यटन स्थल

• सतरेगा

• केंदई जलप्रपात 

• हसदेव बांगो बांध

• देवपहरी जलप्रपात

• मड़वारानी मंदिर

• सर्वमगला मंदिर





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