कोरबा शहर है घूमने लायक बहुत खुबसूरत स्थान Hill station of Korba

                     कोरबा के हिल स्टेशन 

 छत्तीसगढ़ मध्य भारत में एक लेंडललॉक राज्य है ओर अपनी असाधारण प्रकृतिक सुंदरता के लिए राज्य के शीर्ष के सर्वोत्तम स्थानों में से एक हैं जो अपना कोरबा अपने सुंदरता और अदभुत कहानियों के लिए प्रसिद्ध तो है ही साथ ही साथ यहाँ अनोखे हिल स्टेशन है जिसे देख कर आपको मोरजन और खुशी का अनुभव होगा  ऊंची पहाड़ों और हरे भरे हरियाली से घिरे हुए हैं कुछ आचार्यजनक मंदिर और झरने भी देखने सकते हैं जो आपको शांति प्रदान करेगा 


1.कोसगाईगढ़ 

कोसगाईगढ़ एक गांव है जो फुटका पहाड के पहाड़ी इलाकों पर कोरबा कटघोरा रोड़ से 25 किलोमिटर दूर है यहां राजा द्वारा बनाया गया था प्रकृतिक दिवारे यहां की रक्षा करती हैं और कुछ हिस्सों में ही बिल्डरों ने दिवारो के निर्माण की आवश्यकता महसूस की है यह स्थान से जो  समुद्र तल से 1570 फिट स्थित है जहां से कोरबा जिले का एक बहुत बड़ा हिस्सा दिखाई दे रहा है किले के मुख्य प्रवेश बिन्दु पर पारगमन की एक सुरंग है जहां एक ही इंसान प्रवेश कर सकते हैं युद्ध के दौरान राजा के सैनिको ने बड़े पत्थरों को रोल करके दुश्मनो को किले में आने से रोका

          प्राचीन संरचनाओ  के अवशेष पहाड़ी के चारो ओर फैले हुए है किला घने जंगलों से घिरा हुआ है,जो बियर , तेंदुआ आदि जैसे जंगली जानवरो का घर है 



कोसगाईगढ किला कैसे पहुंचे

 एयर बाय - स्वामी विवेकानंद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा  रायपुर से 200 किलो मीटर

ट्रेन द्वारा - कोरबा रेलवे स्टेशन से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं

सड़क के द्वारा - कोरबा बस स्टैंड से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है


2.देवपहरी

देवपहरी कोरबा से 58 किलोमीटर उत्तरी पूर्व में चौराण नदी के किनारे पर स्थित है तेरे में इस नदी में गोविंद कुंज नाम से एक सुंदर पानी के झरने को बनाया 


देवपहरी कैसे पहुंचे 

बाय एयर - स्वामी विवेकानन्द हवाई अड्डा से 200 किले मीटर दूरी पर स्थित हैं 

ट्रेन द्वारा- कोरबा के रेलवे स्टेशन से 60 किलो मीटर की दूरी पर स्थित हैं

बस स्टैंड - कोरबा के बस स्टैंड से  58 किलो मीटर की दूरी पर स्थित हैं

3. प्तदेव मंदिर -

सप्तदेव मन्दिर एक प्राचीन ओर ऐतिहासिक मंदिर है जहां नाम से ही पता चल रहा है की सात देवताओं का एक समूह है जिसे बहुत ही सुंदर और आकर्षक तारीके से सजावट किया गया है  यहां सुबह शाम को रोज पुजा किया जाता है ये जगह कृष्णजन्माष्टमी में बहुत अच्छा मेला लगता हैं रात के 12बजे से शुरू होता है जहा पर श्री कृष्ण जी के जन्म से लेकर अंतिम तक उनके जिवनी के बारे में बताते है जहा लोगो का उमड़ा हुआ भीड़ देखने को मिलता है लोगो के सुरक्षा के लिए पुलिस का पहरा लगाया जाता हैं और उस दिन यहां का सजावट देखने लायक होता है 



सप्तदेव मन्दिर की दूरी

बाय एयर- स्वामी विवेकानन्द हवाई अड्डा से 200 किलो मीटर की दूरी पर है

 • रेल्व स्टेशन - रेलवे स्टेशन से पास में ही है रेलवे से 10 मिनट के रास्ते पर है जहा हम पैडल जा सकते हैं

 • बस स्टैंड से - बस स्टैंड से 1 किलो मीटर की दूरी पर स्थित हैं

4. कुदुरमल

कुदुरमल एक छोटा गांव है जो कोरबा जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर स्थित है सत कबीर के शिष्य में से एक का समाधि यहां है जो लगभग 5 वर्ष पुराना है इसलिए यह ऐतिहासिक महत्व रखता है इसके अलावा यहां एक मंदिर है जिससे संकट मोचन हनुमान मंदिर कहते हैं जो मंदिर के केंद्र में हनुमान की एक प्रमुख मूर्ति स्थापित की गई थी जहां महात्मा क्यों लाल पटेल ने मंदिर बनाया था मंदिर के चारों ओर में काली, दुर्गा ,राम ,सीता, कबीर, आदि के अन्य छोटे मंदिर है यहां पर साल जनवरी-फरवरी में मां पूर्णिमा पर एक मेरा होता है मंदिर के पास एक चट्टान के नीचे एक गुफा है जो की गोलियों के चट्टानों से भी आकर्षित होता है

                   इसके अलावा, यहां एक मंदिर है जिसका नाम संकटमोचन हनुमान मंदिर है, जिसे महात्मा केवलल पटेल ने बनवाया था, जो एक प्रमुख संत थे। मंदिर के केंद्र में हनुमान की एक मूर्ति स्थापित की गई है। मंदिर के आसपास काली, दुर्गा, राम, सीता, कबीर आदि के छोटे-छोटे मंदिर हैं। हर साल (जनवरी और फरवरी) माघ पूर्णिमा पर मेला लगता है। मंदिर के पास एक चट्टान के नीचे एक गुफा है, जो तीर्थयात्री चट्टान से भी आकर्षित हुए।

कैसे पहुंचे

बाय एयर - स्वामी विवेकानंद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा रायपुर से 200 किलोमीटर

ट्रेन द्वारा - रेलवे स्टेशन से 15 किलोमीटर की दूरी स्थित हैं



           


  



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