हजारों की संख्या में माता के दर्शन के लिए आते हैं और माता के दर्शन पा कर अपने आपको धन्य करते हैं आप अपने दोस्तो, परिवार,के लोगो के साथ मंदिर आ सकते है प्रतिदिन यहां उमड़ा हुआ भीड़ दिखने को मिलता है
सर्वमंगला मंदिर
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला में एक प्राचीन मंदिर के नाम से जाना जाने वाला ऐतिहासिक और धार्मिक मंदिर है जिसे सर्वमंगला के नाम से जाना जाता है जो श्रद्धालु उमड़ी हुई भीड़ से प्रभावित है हजारों के संख्या में यहां माता रानी के मंदिर में भक्त जन आते है
माता रानी का मंदिर हसदो नदी के तट पर स्थित हैं माता रानी का भव्य चित्रण दुर्गा का रूप माना गया हैं यह मंदिर कोरेश के जमींदार में से राजेश्वर दयाल के पूर्वजों द्वारा संचालित किया गया था त्रिकोलनाथ मंदिर,काली मंदिर,सूर्य देव मंदिर, ज्योति कलश भवन से घिरा हुआ है सर्वमंगला मंदिर में एक गुफा भी है यह जो गुफा है दूसरी ओर निकलता है रानी धनराज कुंवर देवी मंदिर में अपनी दैनिक यात्रा के लिए इस गुफा का इस्तेमाल किया जाता था
मंदिर में कैसे पहुंचे
आने जाने के लिए तीन साधन है जो हैं
1 बस
2 ट्रेन
3 बाय एयर
1 बस स्टैंड से मंदिर की दूरी 5 किलो मीटर हैं
2 रेलवे स्टेशन से माता की मंदिर की दूरी 5 किलो मीटर हैं
3 बाय एयर स्वामी विवेकानंद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से मंदिर की दूरी 200 किलो मीटर पर स्थित हैं
कोरबा शहर का प्रसिद्ध मंदिर सर्वमंगला है जो हसदो नदी के तट पर स्थित है यहां मंदिर मां दुर्गा को समर्पित है दीवारों पर माता रानी के अलग-अलग स्वरूप देखने को मिलता है मुख्य मंदिर जो है ओ कांच का बना हुआ सुंदर रूप हैं यह मंदिर लगभग 122 साल पुराना है इसका स्थापना सन् 1898 के आस पास मानी गई है मंदिर परिसर में एक वाट वृक्ष भी हैं ऐसा माना गया हैं की उस वृक्ष पर धागा बांध कर कुछ मांगते हैं तो मानो कामना पूरी होती है
नवरात्रि के दिनों में जावा लगाया जाता है और कलश स्थापना किया जाता है जो 9 दिनों का होता है इस समय यहा मेला का अयोजन किया जाता हैं श्रद्धालु हजारों के संख्या में यहां आ कर करते हैं दर्शन करते हैं
मंदिर के अंदर जाने के लिए मार्ग
मंदिर का गार्डन -जैसे ही बस या ऑटो,रिक्शा से उतरते है एक सुंदर सा गार्डन देखने को मिलता हैं जहा बहुत सारे सुंदर - सुंदर फूल, और फल लगे हुए हैं बैठने के लिए अच्छा जगह हैं बच्चों के खेलने के लिए झूले भी है बहुत सारे बने हुए पुतले है कभी लम्बा सुन्दर और रोचक जगह है जहां मन को शांति का अनुभव होता हैं गार्डन के खुलने का समय सुबह 11:00 बजे से रात के 8:00 बजे तक होता है मंदिर के साथ साथ गार्डन में भक्तजन दूर दूर से घूमने के लिए आते हैं
मुख्य मंदिर के थोड़ा आगे जाने पर विष्णु जी का मंदिर है और ठीक उसके ऊपर में सूर्य देव का मंदिर जो अद्भुत है सूर्य देव के मंदिर के बगल में एक वृक्ष भी है जहा जहां पंडितों द्वारा शादी संपन्न भी किया जाता है नव जोड़ों के द्वारा माता रानी के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना किया जाता और पूजा करने के बाद नव जोड़े सुखी जीवन की कामना करते है
मंदिर के थोड़ा आगे हैं वृद्धा आश्रम ही है जहा बुजुर्गों का रहने के लिए बनाया गया हैं आश्रम में बहुत सारे बुजुर्ग रहते हैं वहां का वातावरण बहुत ही सुंदर है जहां बुजुर्ग माता-पिता को खाने, पीने, और रहने के लिए अच्छा सुख सुविधा उपलब्ध कराई गई हैं आश्रम से गार्डन लगा हुआ है वहां भी बहुत सुंदर सुंदर फूल खिले हुए रहते है छोटे छोटे पेड़ पौधे भी लगे है
आश्रम के थोड़ा आगे जाने पर हसदो नदी का तट दिखाई देता है इस नदी पर ठंड के दिनों में पानी का बहाव काफी तेज होता है ठीक उसी तरह गर्मी के दिनों में नदी के पानी का बहाव कम रूप में दिखाई देता है नदी के पास शिव मंदिर का स्थापना किया गया