कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
बस्तर में कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान की यात्रा के साथ अपने वन्य जीवन दौर को और भी अधिक साहसिक बनाए क्योंकि इस रास्ते में मैंने आपके लिए कई रोमांचक ट्रैक और चमकदार झरने और गुप्त गुफाओं के अद्भुत दर्शनीय स्थलों की यात्रा के अवसर मौजूद हैं और समृद्ध वनस्पति और जीव आप प्रकृति के बीच बाग मोती रावण के लोगों की तरह जंगली बिल्ली भौंकने, वाले हिरण सांभर, सियार और जैसे जानवरों को देख सकते हैं पहाड़ी मैना, लाल जंगली मुर्गी, सिर के ऊपर से उड़ेंगे ये सब हमारे कितनी आकर्षण होगा
हमारे पास और भी बहुत कुछ है जब आप इस राष्ट्रीय उद्यान में आते हैं तो आप अपनी यात्रा को विकल्प में भी बदल सकते हैं राष्ट्रीय उद्यान के अंदर दो पार्क स्थित है कांगेर धारा और भैस्मा धारा आप वहां बैठ सकते हैं और अपने दोस्तों और परिवार के साथ अपना पूरा समय बिता सकते हैं खेलने खेलते समय बिता सकते है एक और बात आप साल भर में कभी भी जा सकते हैं लेकिन मानसून से बच्चे भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय उद्यान के कुछ हिस्से पहुंच योग्य नहीं है
हम आपका उत्सव महसूस कर सकते हैं तो फिर देर किस बात की रायपुर के लिए आप सभी प्रस्थान करें जंगली बुला रहा है
विशेष
पाए जाने वाले वन्य जीव जंतु
प्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान
जगदलपुर से मात्र 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
एक बायोस्फीयर रिजर्व है
दर्शनीय स्थल
• कोटमसर गुफा
• कैलाश गुफा
• दंडक गुफा
• तीरथगढ़ जलप्रपात
• कांगेर धारा
• भैंसा दहरा
• कुटुमसर की गुफा, कैलाश गुफाएं, डंडक की गुफाएं,और तीरथगढ़ जलप्रपात, कांगेर धाराभीसमा धारा,दो सुंदर और अद्भुत पिकनिक रिजॉर्ट्
• कांगेर नदी के भैंसदहरा नामक स्थान पर मगरमच्छों का प्राकृतिक स्थान है
इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान
छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध वन्य जीव अभ्यारण की खोज के बाद हमारी सूची में एक राष्ट्रीय उद्यान है पिछले दो अध्ययनों की तरह इस राष्ट्रीय उद्यान का नाम भी यहां से होने वाली इंद्रावती नदी के कारण पड़ा है और पिछले अध्ययनों की तरह यहां भी अपने आचार्य जनक पहाड़ी सिंगला हरी-भरी वनस्पति और वन्य जीव के साथ शक्ति प्रयोग से कम नहीं है तो बिना किसी देरी के सभी अद्भुत प्राणियों की सूची बनाई जो आपको यहां देखने को मिलेंगे यहां जल्दी नीलगाय द्वारा सांभर और जंगली कुत्ते और सुस्त भालू आदि देखने को मिलेगा
इस राष्ट्रीय उद्यान नदी बहती है जिस वजह से इसका नाम इंद्रावती पड़ा स्थापना 1978 में हुई थी यह बीजपुर जिले में स्थित है इसका क्षेत्रफल 1258 वर्ग किलोमीटर है इसे 1983 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था राज्य सरकार द्वारा 2009 में यहां टाइगर रिजर्व लागू किया गया जिसके बाद इसका क्षेत्रफल 2799 वर्ग किलोमीटर तक फैलाया गया
इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में पाए जाने वाले जीव जंतु दर्शनीय स्थल
• जंगली भैंसे, बारहसिंगा, बाघ , चीता, नीलगाय, सांभर
• जंगली कुत्ते, जंगली सूअर, उड़ने वाली गिलहरीया
• साही ,बंदर और लंगूर आदि अन्य अनेक पाए जाते हैं
दर्शनीय स्थल
• भद्रकाली भोपालपटनम से 70 किलोमीटर की दूरी पर भद्रकाली नामक स्थान पर इंद्रावती एवं गोदावरी नदी का संगम है क्या स्थान बहुत ही खूबसूरत है पर्यटक इस स्थान पर पीने का आनंद लेते हैं
गुरु घासीदास दास के उद्यान
यह राज्य का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान है इसकी स्थापना 1981 में की गई थी इसका पुराना नाम संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान था परंतु राज्य गठन के बाद इसका नाम गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया इससे 2014 में टाइगर रिजर्व बना दिया गया है यहां नील गाय भाव तेंदुआ आदि पाए जाते हैं सितंबर 2021 को NTCA में यहां गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान घोषित को टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया यह राज्य का चौथा और देश का 53 वा टाइगर रिजर्व है
घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को छत्तीसगढ़ के सबसे विशिष्ट और सभी संरक्षित राष्ट्रीय उद्यानों में से माना जाता है यह अतीत का हिस्सा है और संजय राष्ट्रीय उद्यान का एक हिस्सा है इस बार का की वनस्पति में मुख्य रूप से मिश्रित पर्णपाती वन शामिल है यहां विशाल स्तनपायी आबादी निवास करती हैं यहां वार्षिक आधार पर कई प्रवासी पक्षी भी आते हैं
• कोरिया जिला में स्थित है
• रायपुर से 294 किलोमीटर की दूरी पर
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान guru ghasidas national park
विशेष
पाए जाने वाले वन्य जीव जंतु
दर्शनीय स्थल
• गांगीरानी माता की गुफा
• नीलकंठ जलप्रपात बसेरा
• सिद्ध बाबा की गुफा
• खोहरा पाट