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इस वीकएंड आप ऊटी हिल स्टेशन की सैर कर सकते हैं. यह बेहद सुंदर हिल स्टेशन है और दुनियाभर से टूरिस्ट ऊटी घूमने के लिए आते हैं. यह हिल स्टेशन तमिलनाडु में स्थित है और इसे इसकी खूबसूरती के कारण हिल स्टेशनों की रानी कहा जाता है. यह हिल स्टेशन नीलगिरि पहाड़ियों में स्थित है. टूरिस्ट यहां चाय के बागान, झीलें, झरने एवं भव्य बगीचों को देख सकते हैं.

जहां देश-विदेश से बड़ी तादाद में टूरिस्ट सैर के लिए आते हैं. यहां पर्यटक विशाल चाय के बागान, झीलें, झरने एवं भव्य बगीचों को देख सकते हैं. ऊटी हिल स्टेशन का नाम उटकमंड है, पर शॉर्ट में इसे ऊटी कहा जाता है.



पायकरा वाटरफॉल

ऊटी से करीबन 21 किमी दूर पायकारा वाटरफॉल एक बेहद ही खूबसूरत जगह है, जो दुखी से दुखी व्यक्ति को खुश कर देगा। पायकारा जलप्रपात, पायकारा नदी द्वारा निर्मित है, जो मुकुर्थी चोटी से निकलती है और झरनों की एक श्रृंखला के माध्यम से बहती है। पायकारा जलप्रपात में दो अलग-अलग झरने शामिल हैं, एक तो 55 मीटर ऊंचा है तो दूसरा 61 मीटर ऊंचा। हरे-भरे जंगल के बीच नदी को गिरते हुए देखना यकीनन आपको बेहद सुकून पहुंचाएगा। तो जब भी यहां आएं एक बार इस वाटरफॉल को जरूर देखें। 



ऊटी के राजभवन 

सुंदर पीली हरी इमारत जो अब तमिलनाडु के राज्यपाल का ऑफिशियल ग्रीष्मकालीन निवास है, एक ऐसा टूरिस्ट प्लेस है, जिसे आपको ऊटी में रहते हुए जरूर देखना चाहिए। राजभवन न केवल औपनिवेशिक काल की खूबसूरती को दर्शाती है, बल्कि ये ऐसी जगह भी है जो करीबन 9 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई है, जहां का हरा-भरा आवरण आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। लेकिन ये संरचना जो 1870 के दशक में दिखा करती थी, वैसी अब नहीं रही है। एक जमाने में यहां ड्यूक ऑफ बकिंघम पूरी रात रुके थे। ऐसी इमारत को देखना तो बनता है। 


ऊटी में सुंदर झील 

ऊटी से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित अवलान्छे झील नीलगिरी क्षेत्र में सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है। और अगर आप सोच रहे हैं इसका नाम अवलान्छे नाम क्यों पड़ा, तो बता दें, 1800 के दशक की शुरुआत में, नीलगिरी क्षेत्र एक विशाल भूस्खलन की चपेट में आ गया था, और इस तरह झील हिमस्खलन झील के रूप में प्रसिद्ध हो गई। अवलान्छे झील सुंदर फूलों के साथ एक खूबसूरत नजारे से घिरी हुई है, जैसे ऑर्किड, मैगनोलिया और रोडोडेंड्रॉन में खिलते हैं।


3. एमराल्ड झील

नीलगिरि जिले में एमराल्ड गांव के पास स्थित एमराल्ड झील साइलेंट वैली नामक स्थान पर स्थित है। यह ऊटी से लगभग 25 किमी दूर स्थित है। यह एक खूबसूरत झील है जो पिकनिक के लिए एक आदर्श स्थान है जहाँ आप आराम कर सकते हैं और अपने प्रियजन के साथ कुछ अच्छा समय बिता सकते हैं। झील के चारों ओर चाय के बागान इसकी समग्र सुंदरता में चार चाँद लगाते हैं। यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त का नज़ारा बेहद खूबसूरत है और इसे मिस नहीं किया जा सकता।


4. ऊटी बॉटनिकल गार्डन

तमिलनाडु के बागवानी विभाग द्वारा संचालित, ऊटी का बॉटनिकल गार्डन निस्संदेह ऊटी में देखने के लिए सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है। 55 एकड़ भूमि में फैले इस उद्यान को फ़र्न हाउस, लोअर गार्डन, इटैलियन गार्डन, कंज़र्वेटरी और नर्सरी जैसे पाँच अलग-अलग खंडों में विभाजित किया गया है। ऊटी समर फ़ेस्टिवल के एक भाग के रूप में यहाँ आयोजित होने वाला पुष्प शो एक प्रमुख आकर्षण है। बॉटनिकल गार्डन का एक और लोकप्रिय आकर्षण जीवाश्म वृक्ष का तना है जिसके बारे में कहा जाता है कि यह लगभग 20 मिलियन वर्ष पुराना है। यहाँ पौधों की विस्तृत विविधता देखने लायक है।


5. हिरण पार्क

ऊटी झील से 2 किमी की दूरी पर स्थित, डियर पार्क सड़क मार्ग से आसानी से पहुँचा जा सकता है। सांभर और चीतल जैसे हिरणों की किस्मों के साथ अपने समृद्ध जीव-जंतुओं के साथ, डियर पार्क एक दिलचस्प यात्रा है, खासकर वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए। इस पार्क में वनस्पतियों की विविधता भी उतनी ही समृद्ध है। 22 एकड़ के क्षेत्र में फैले इस पार्क की स्थापना 1986 में हुई थी। यह न केवल तमिलनाडु बल्कि भारत के


प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्यों में से एक है, जो वन्यजीवों और विभिन्न जानवरों को करीब से देखने का अद्भुत अवसर प्रदान करता है।


मरिअम्मन मंदिर

हर साल अप्रैल में देवी-देवताओं को सम्मान देने के लिए मरिअम्मन मंदिर महोत्सव मनाया जाता है और देश के हर हिस्से से यहां हजारों श्रद्धालु शामिल होने आते हैं। अगर आपने रथ यात्रा देखी है, तो ये उत्सव भी आपको बिल्कुल सेम लगेगा। फरवरी में मनाए जाने वाले इस 28 दिवसीय आयोजन के दौरान कई देवी-देवताओं की मूर्तियों की शोभायात्रा निकाली जाती है।


ऊटी कैसे पहुंचे 

हवाई मार्ग से : पास का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा कोयंबटूर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो ऊटी से लगभग ढाई घंटे की ड्राइव दूर है। कोयम्बटूर हवाई अड्डा दिल्ली, कोझिकोड, मुंबई, अहमदाबाद, बैंगलोर, चेन्नई और हैदराबाद जैसे शहरों से अच्छे से जुड़ा हुआ है।

रेल द्वारा : ऊटी का अपना रेलवे स्टेशन है जिसका नाम ऊटी रेलवे स्टेशन है। यह तमिलनाडु के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख नई दिल्ली-कोयम्बटूर रेलवे लाइन पर स्थित है।

सड़क मार्ग से : ऊटी कुन्नूर से 19 किलोमीटर, मेट्टुपालयम से 52 किलोमीटर, कोयंबटूर से 84 किलोमीटर, तिरुपुर से 104 किलोमीटर, पोलाची से 127 किलोमीटर, पलक्कड़ से 136 किलोमीटर, धारापुरम से 154 किलोमीटर, उदुमलाईपेट्टाई से 159 किलोमीटर दूर है और तमिलनाडु राज्य सड़क परिवहन के माध्यम से जुड़ा हुआ है


पूछे जाने वाले प्रश्न

1.ऊटी के पास घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह कौन सी हैं?

ऊटी के पास घूमने के लिए सबसे खूबसूरत जगहों में से एक कुन्नूर है, जो अपनी चाय की पगडंडियों और नीलगिरि पहाड़ियों के लिए जाना जाता है। ऊटी के पास एक और जगह मैसूर है, जो शाही विरासत का दावा करता है। कोयंबटूर ऊटी से लगभग 85 किमी दूर स्थित है, जहां से पहाड़ के आश्चर्यजनक दृश्य, झरने, मंदिर और पूरे वर्ष सुखद मौसम रहता है।


2.ऊटी में एक पर्यटक के लिए कितने दिन पर्याप्त हैं?

ऊटी एक सुंदर शहर की पहाड़ी है जिसमें झरने, पहाड़, झीलों पर नौका विहार की सुविधा और रंगीन वनस्पति उद्यान हैं। इसकी सुंदरता और प्रमुख आकर्षणों का आनंद लेने के लिए आपको कम से कम तीन दिन चाहिए।


3.ऊटी घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

ऊटी का मौसम साल भर सुहावना रहता है, ठंडी रातों के साथ तापमान 5 से 15 डिग्री के बीच रहता है। घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जून तक है, जब मौसम बाहरी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए आदर्श होता है। यदि आप बारिश और हरी-भरी हरियाली से प्यार करते हैं, तो जुलाई और अगस्त में मानसून के दौरान ऊटी भी जाया जा सकता है।

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