कोरबा शहर है आपके पूरे परिवार के साथ घूमने का खुबसुरत तीर्थ स्थल जहां आप जा कर अत्यंत आनंद का अनुभव करेंगे और आपको अपने परिवार के साथ समय व्यतीत कर पाएंगे तो आइए जानते है इस खुबसुरत तीर्थ स्थलों के बारे में इस ब्लॉग के साथ
1.चैतुरगढ़
छत्तीसगढ़ कोरबा शहर से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित है यहां पाली से 25 किलोमीटर उत्तर की ओर 3060 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ी के सिर पर स्थित है या राजा पृथ्वी देव प्रथम द्वारा बनाया गया था वह पुरातत्वविद में इसे मजबूती किलो प्राकृतिक में शामिल किया है चुकी यहां चारो और से मजबूत है स्थानों पर उच्च दिवारो का निर्माण किया गया है किले में 3 प्रमुख प्रवेश द्वार है जो मेनका, हुमकारा , सिम्हा द्वार नाम से जाना जाता है
इंदौर गाड़ी की पहाड़ी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है और यहां रोमांचक एहसास करती है कई प्रकार की जंगली जानवर और पक्षी पाए जाते हैं एस ई सी एल ने आराम घर का निर्माण किया है मंदिर के पर्यटकों के लिए कुछ कमरे भी बनाए हैं
कैसे पहुंचे
• बाय एयर - स्वामी विवेकानंद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा रायपुर से 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं
• ट्रेन द्वारा - 12 से 50 किलोमीटर एवं बिलासपुर रेलवे स्टेशन से 55 किलोमीटर की दूरी स्थित है
सड़क मार्ग द्वारा- स्टैंड से 50 किलोमीटर एवं बिलासपुर से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है
2. मड़वारानी मंदिर
मड़वारानी मंदिर पहाड़ों से एवं जंगल पशु पक्षी जानवर फुले हरे भरे हरियाली से बना हुआ है जहां जाने के बाद शांति का अनुभव होता हैं मड़वारानी मंदिर नवरात्रि समय मेला लगता है यहां हजारों के संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते है महारानी का मंदिर चलने के लिए दो रास्ते हैं एक तरफ पैदल यात्रा कर सकते हैं जिसे चूहरी का रास्ता कहते हैं दूसरा रास्ता जो है बाइक , टैक्सी, बस, ट्रैक्टर आदि के सहायता से जा सकते हैं
मड़वारानी का मंदिर प्राचीन मंदिर करने के लिए 1.50 से 2 घंटा लग जाता है यहां मन्दिर पहाड़ो की ऊंची चोटी पर स्थित हैं मदवरानी का मंदिर हम अपने पूरे परिवार के साथ जा के आनंद का अनुभव कर सकते हैं
3.सर्वमंगला मंदिर
सर्वमंगला मंदिर कोरबा जिले में स्थित है प्राचीन ओर ऐतिहासिक मंदिर है यहां मंदिर सीसे से बना हुआ है यह मुख्य प्रवेश मंदिर है यहां पर मोबाईल, चलना मना किया गया है यहां नवरात्रि महोत्सव के दिनो मे मेला लगता हैं जहां श्रद्धालु दर्शन के लिए जाते हैं यहां एक गुफा भी है जो उपयोग राजा रानी अपने निजी कार्यों के लिए किया करते थे
एक वृद्धा आश्रम भी है जहा बुजोर्गो को रखा जाता है उनका देख भाल ओर खाना पीना का व्यवस्था किया जाता है ओर उनका ध्यान रखा जाता है
• बाय एयर स्वामी विवेकानन्द हवाई अड्डे से 200 कीलो मीटर के दूरी पर स्थित हैं
• रेल्व स्टेशन से दूरी रेल्वे स्टेशन से 5 किलो मीटर की दूरी पर स्थित हैं
• बस स्टैंड से बस स्टैंड से 3 किलो मीटर की दूरी पर स्थि
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